मधुबनी. गर्मी का मौसम चल रहा है, और इन दिनों पानी वाले फलों की मांग बढ़ जाती है. खास गर्मियों में ही इन फलों की आवक होती है उन्हीं में एक है तरबूज, जो लोगों को काफी पसंद आता है. मधुबनी जिले में सबसे ज्यादा तरबूज की पैदावार कमला किनारे होती है. नदी के पास होने से यहां तरबूज की जबरदस्त खेती की जाती है, साथ ही इसकी सप्लाई भी जिले के साथ-साथ अन्य राज्यों में भी की जाती है.
मधुबनी जिले के अंतर्गत आने वाला एक शहर जयनगर में तरबूज, खीरा, ककड़ी आदि की उपज बहुत अधिक मात्रा में होती है. चूंकि कमला नदी यहां से बहती है और नदी के किनारे तरबूज की खेती की जाती है. जिससे यहां के लोग गर्मी के मौसम में इस फल को खाकर आनंद और गर्मी से होने वाली बहुत सी बीमारी से बचते हैं. दरअसल, नदी किनारे तरबूज की खेती इसलिए होती है क्योंकि नदी में बालू होती है और कमला नदी में भी बालू की मात्रा अधिक है बालू पानी को बहुत अधिक अपने अंदर समाहित करता है जिस कारण यहां किसानों को कम मेहनत करनी पड़ती है और फायदा अच्छा होता है. खेतों में पानी कहीं और से नहीं बल्कि उसी नदी से डालते है.
खेत से ही खरीद ले जाते हैं व्यापारी
यहां के किसान तरबूज, खीरा, ककड़ी आदि को बेचकर अच्छी आमदनी कर लेते है, क्योंकि उसे बेचने के लिए कहीं दूर बाजार लेकर जाने की जरूरत नहीं होती बल्कि छोटे-छोटे व्यापारी खेत पर ही आकर थोक में किसानों से खरीद लेते है और उसे मार्केट बेचते हैं. यहां से जिले के बाहर अन्य जिलों जैसे की दरभंगा, समस्तीपुर, मुजफ्फरपुर जिलों के अलावा अन्य राज्यों झारखंड, बंगाल और नेपाल में भी इस फलों की सप्लाई होती है. मधुबनी (जयनगर) की बात करें तो यहां इसकी खेती होने के कारण तरबूज की कीमत बहुत ही कम है, महज ₹10-15 प्रति किलो तक मिल जाता है.
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