टैक्सेशन एवं पॉलिसी विषयों के मामले में स्थिर सरकार पसंद करते हैं वित्तीय बाजार

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केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (FM Nirmala Sitharaman) का कहना है कि कराधान एवं नीतिगत विषयों के मामले में वित्तीय बाजार स्थिर सरकार पसंद करते हैं। वित्त मंत्री ने बंबई स्टॉक एक्सचेंज (BSE) में आयोजित एक कार्यक्रम में संवाददाताओं से विशेष बातचीत में यह टिप्पणी की।

सीतारमण ने कहा, ‘मैं हमेशा मानती रही हूं कि बाजार अपने हिसाब से काम करता है। यह स्वयं वैश्विक परिस्थितियों एवं दूसरे बाजारों में हालात की समीक्षा करता है। इसमें रत्ती भर शक नहीं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारी बहुमत से तीसरी बार देश की बागडोर संभालेंगे। लिहाजा स्थिरता से जुड़ी किसी तरह की चिंता बेबुनियाद है।’

मोदी कितने संख्या बल के साथ सत्ता में वापसी करेंगे इस पर लेकर लगने वाले कयास के कारण इंडिया वीआईएक्स सूचकांक पिछले 14 कारोबारी सत्रों में लगभग दोगुना हो गया है। यह सूचकांक बाजार में अनिश्चितता को दर्शाता है। जब कारोबारियों को लगता है कि अगली 30 दिनों के दौरान बाजार में तेज उठापटक होगी तो उस हालत में वीआईएक्स सूचकांक ऊपर भागता है।

बाद में बीएसई में एक कार्यक्रम में सीतारमण ने कहा कि वायदा एवं विकल्प श्रेणी (एफऐंडओ) में बढ़ता खुदरा कारोबार न केवल बाजार के लिए चुनौती का सबब बन सकता है बल्कि निवेशकों के मिजाज और लोगों की बचत पर भी असर डाल सकता है। वित्त मंत्री ने नियमों में कोई बदलाव करने से पहले संबंधित पक्षों से सक्रिय चर्चा करने की सलाह दी।

सूत्रों के अनुसार भारत के वित्तीय नियामक स्थिरता एवं जोखिम की समीक्षा के लिए एक विशेषज्ञ समिति गठित करने पर विचार कर रहे हैं। बाजार में डेरिवेटिव खंड का प्रभाव बढ़ने से जोखिम बढ़ने की भी आशंका जताई जाने लगी है। भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (SEBI) भी कारोबारियों को लगातार यह समझाता रहा है कि एफऐंडओ खंड में छोटे कारोबारियों के लिए किस तरह के जोखिम हो सकते हैं।

वित्त मंत्री ने सख्त अनुपालन नियमों एवं मजबूत नियामकीय कायदों की मदद से निवेशकों का भरोसा बढ़ाने के लिए एक्सचेंजों को सेबी के साथ मिलकर काम करने के लिए कहा।सीतारमण ने कहा, ‘अगर कोई नया प्रावधान लागू होता है तो वित्तीय नियामकों को बाजार से मिल रही प्रतिक्रियाओं के आधार पर बदलाव करने के लिए तैयार रहना चाहिए। नियामकों को सक्रिय तौर पर सभी पक्षों के साथ संवाद करते रहना होगा।’

वित्त मंत्री ने शेयर बाजार की मजबूती की सराहना की और कहा कि विदेशी निवेशकों के अचानक बाजार से रकम निकालने से पैदा हालत को संतुलित करने में घरेलू निवेशक असरदार भूमिका निभा रहे हैं।हालांकि सीतारमण से इस सवाल पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया कि पूंजी बाजार से जुड़े करों में बदलाव होंगे या नहीं।