घर पर तैयार करें नीम निर्मित देसी कीटनाशक, जानें विधि  

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आज के समय में किसान फसल पर कीट व्याधियों के प्रकोप से काफी परेशान हैं. इससे बचने के लिए अंधाधुंध रासायनिक दवा का इस्तेमाल करते हैं. मगर किसान द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली रासायनिक दवा का प्रतिकूल असर मानव जीवन पर पड़ रही है. इससे अनेकों बीमारियां लोगों को घेर रही हैं. इससे बचने के लिए किसान घर पर ही दवा बना सकते हैं. ये दवा फसल को कीट के प्रकोप से बचाएगी और लोगों की सेहत पर भी बुरा असर नहीं पड़ेगा. खास बात ये कि छोटे और गरीब किसानों को महंगी रासायनिक दवा खरीदने की जरूरत भी नहीं पड़ेगी.

जैसा की हम जानते हैं नीम एक ऐसा पेड़ है, जिसमें एंटी फंगस और एंटी बैक्टीरियल प्रॉपर्टीज होती हैं. इसका इस्तेमाल बड़े पैमाने पर दवा बनाने के लिए किया जाता है. बाजार में भी ऐसी दवा उपलब्ध है. किसी भी फसल पर फंगस के हमले से नीम निर्मित दवा बेहद कारगर है. किसान बाजार में मिलने वाली नीम निर्मित दवा जैसे नीम गोल्ड, निमोल, अचूक व अन्य प्रकार की दवा का इस्तेमाल किसी भी फसल को कीड़ों और फंगस के हमले से बचाने के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं. ये दवा 2 एमएल प्रति लीटर पानी में मिलाकर फसल पर छिड़काव करने से फसल को कीट नुकसान नहीं पहुंचा पाते.

नीम निर्मित दवा घर पर करें तैयार
कृषि विज्ञान केंद्र के उद्यान वैज्ञानिक डॉ. रमेश कुमार ने Local 18 को बताया कि किसान अपने घर पर ही नीम निर्मित दवा का निर्माण कर सकते हैं. इसके लिए नीम के पत्तों और बीज का इस्तेमाल करें. सबसे पहले किसान नीम के पत्तों को एक बाल्टी पानी में 12 घंटे के लिए डालकर रख दें. इसके बाद बाल्टी में ही पत्तों को अच्छी तरह मसल दें. इसके बाद उस पानी को छानकर 5 से 7 दिन के अंतराल पर छिड़काव करें. वहीं, किसान 1 किलो नीम के बीज को 20 लीटर पानी में डालकर 12 घंटे के लिए छोड़ दें. इसके बाद बीज को निकालकर उसे अच्छी तरह पीस लें. उसे पानी में मिला दें. अंत में सूती कपड़े से छानकर उस पानी का छिड़काव फसल पर कर दें.

सप्ताह में एक बार जरूर करें छिड़काव

रासायनिक दवा का इस्तेमाल करने से मानव जीवन पर कुप्रभाव पड़ रहा है. इसकी जगह किसान नीम निर्मित दवा का इस्तेमाल करें. ये दवा किसान घर पर तैयार कर 5 से 7 दिन के अंतराल में छिड़काव करें. ऐसा करने से फसल पर किसी प्रकार के कीट या फंगस के हमले का असर नहीं होता है. फसल की पैदावार भी बढ़ती है.