बासमती धान की ये हैं टॉप 3 किस्में

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बासमती चावल की देश-विदेश के बाजार में काफी अधिक मांग होती है. क्योंकि बासमती चावल अपने स्वाद, बेहतर सुगंध और अन्य कई तरह की खासियत के चलते जाना जाता है. बता दें कि जब बासमती चावल/ Basmati Rice को पकाया जाता है, तो यह अपने मूल आकार से दोगुना हो जाते हैं, जो खाने में काफी अधिक स्वादिष्ट लगते हैं. ऐसे में अगर किसान अपने खेत में बासमती चावल की खेती करते हैं, तो यह किसानों के लिए काफी अच्छा विकल्प है. इसी क्रम में आज हम देश के किसानों के लिए बासमती चावल की टॉप 3 उन्नत किस्मेंलेकर आए है.

बासमती चावल की जिन उन्नत किस्मों की हम बात कर रहे हैं. वह पूसा बासमती 1718, पूसा बासमती 1509 और जया- भारत का गौरव किस्म, है. ऐसे में आइए बासमती चावल की इन टॉप उन्नत किस्मों के बारे में विस्तार से जानते हैं…

बासमती चावल की टॉप 3 उन्नत किस्में

पूसा बासमती 1718 किस्म: बासमती चावल की यह किस्म को देश के बासमती उत्पाद (जीआई टैग) की श्रेणी में है. चावल की यह उन्नत किस्म 135 दिनों की परिपक्वता के साथ औसत अनाज उपज 46.4 क्विंटल/हेक्टेयर है. इसके अलावा चावल की पूसा बासमती 1718 किस्म पूसा बासमती 1121 का एमएएस व्युत्पन्न जीवाणु ब्लाइट प्रतिरोधी संस्करण है जिसे विकसित किया गया है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह देश में बासमती चावल की तीन शीर्ष विदेशी मुद्रा अर्जक किस्मों में से एक है. बासमती चावल की यह किस्म दिल्ली, पंजाब और हरियाणा के किसानों के लिए उपयुक्त है.

पूसा बासमती 1509 किस्म: बासमती चावल की पूसा बासमती 1509 किस्म को भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (ICAR) विकसित की गई है. चावल की यह किस्म कम अवधि में पककर तैयार होने वाली किस्मों में से एक है. इसके अलावा यह किस्म कम ऊंचाई वाली, देर तक रुकने वाली और जल्दी टूटने वाली किस्म मानी जाती है. पूसा बासमती 1509 किस्म से किसान औसत बीज उपज 41.4 क्विंटल/हेक्टेयर है. यह किस्म लगभग 115 दिनों में पक जाता है जो कि पूसा बासमती 1121 से 30 दिन पहले है. इस किस्म में 3-4 सिंचाई की बचत होती है और जल्दी पकने के कारण किसानों को गेहूं की खेत की तैयारी के लिए पर्याप्त समय मिल जाता है.

जया उन्नत किस्म: बासमती चावल की यह उन्नत किस्म किसानों के लिए काफी लाभदायक है. बासमती चावल की जया किस्म 130 दिनों की अवधि वाली अर्ध-बौनी किस्मों में से एक है. किसान इस किस्म से प्रति हेक्टेयर लगभग 5 टन तक उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं. चावल की इस किस्म को चमत्कारी चावल की किस्म के नाम से भी अधिक जाना जाता है.