देश के टॉप पांच कृषि विश्वविद्यालय कौन से 

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यह तथ्य है कि भारत कृषि के कई क्षेत्रों में अग्रणी है। हमारे किसान बंपर पैदावार कर रहे हैं, देश में इतना अनाज होता है कि भारत सरकार 30 देशों को कोविड काल में गेहूं और चावल जैसे प्रमुख खाद्य पदार्थ गिफ्ट के तौर पर एक्सपोर्ट कर देती है। आखिर, अनाज का बफर स्टॉक हमारे पास कहां से आया। ये सब उन कृषि विश्वविद्यालयों की देन है, जहां पढ़ कर देश के बच्चों ने शोध किये, एक से एक बीजों पर शोध किया और नए बीज विकसित किए। इसलिए, यह जानना बेहतर होगा कि इस देश के मुख्य या टॉप पांच कृषि विश्वविद्यालय कौन से हैं जो देश को कृषि क्षेत्र में ऊंचाइयों पर लेकर गए।

भारत में सबसे पहला कृषि विश्वविद्यालय 17 नवंबर 1960 को तत्कालीन यूपी में खोला गया था। इसका उद्घाटन देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू ने किया था। इसका नाम थाः उत्तर प्रदेश कृषि विश्वविद्यालय बाद में इसका नाम बदल कर गोविन्द बल्लभ पन्त कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय या पंत नगर विश्वविद्यालय कर दिया गया। तब से इसी नाम से यह विश्वविद्यालय चला आ रहा है।

राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान, करनाल
आईसीएआर द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर हुए सर्वे में राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान, करनालको नंबर 1 संस्थान माना गया। यह डेयरी के क्षेत्र में जबरदस्त काम करने वाला संस्थान है। सबसे अच्छी बात यह है, कि इस सस्थान ने यह रैंक कोई पहली बार नहीं बल्कि चौथी बार प्राप्त की है। इससे पता चलता है, कि यहां किस जुनून और तल्लीनता से काम किया जाता है। इस संस्थान ने दूध उत्पादन में भारत को दुनिया के देशों के सामने खड़ा कर दिया है। इस संस्थान ने कई रिसर्च के माध्यम से देश में दूध का गुणात्मक उत्पादन काफी बढ़ा दिया है।

भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान नई दिल्ली
नंबर दो पर आता है नई दिल्ली का भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान। इसे सामान्य तौर पर लोग पूसा के नाम से भी जानते हैं। खेती के क्षेत्र में जो भी रिसर्च होते हैं, उनमें यह संस्थान प्रायः बहुत ही आगे रहता है। आपको याद होगा, जब देश में इंदिरा गांधी प्रधानमंत्री थीं तो १९७० के दशक में उन्होंने जिस हरित क्रांति का सपना देखा था, उसे साकार करने वाला यही संस्थान था। पंजाब, हरियाणा, बिहार, यूपी के किसानों के साथ-साथ देश भर के किसानों ने धान-गेहूं जैसे फसलों की जो बंपर पैदावार की थी, वो सब इसी संस्थान के विकसित किये हुए बीजों के माध्यम से ही की थी।

भारतीय पशु चिकित्सा संस्थान, इज्जतनगर (यूपी)
नंबर 3 पर है, भारतीय पशु चिकित्सा संस्थान, इज्जतनगर। यह बरेली जिले में है, देश में हाईब्रिड पशुओं को लाने का श्रेय इसी संस्थान को है, पशुधन उत्पादन प्रोद्योगिकी को आगे बढ़ाने में इस संस्थान की बड़ी अहम भूमिका रही है। इसके साथ ही बेसिक विज्ञान एवं प्रसार से जुड़े 20 से अधिक विषयों में इस संस्थान से कोर्सेस भी कराए जाते हैं। देश-दुनिया के बड़े-बड़े वेटनरी डॉक्टर यहां से पढ़ कर निकले हैं।

जी बी पंत कृषि और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, पंतनगर
यह दुर्भाग्य ही कहा जाएगा कि जो संस्थान देश का सबसे पहला कृषि संस्थान था, वह इस रैंकिंग में चौथे नंबर पर पहुंच गया। इस संस्थान की स्थापना के बाद जो संस्थान स्थापित किये गए, वो आगे निकल गए और ये पीछे रह गया। लेकिन, यह संस्थान नए-नए प्रयोगों और तकनीकों की पहुंच हर गांव में पहुंचाने का सबसे अनोखा और शानदार काम कर रहा है।

पंजाब कृषि विश्वविद्यालय, चंडीगढ़
यह आता है पांचवे पायदान पर, दरअसल पंजाब कृषि विस्वविद्यालय भारत का ही नहीं एशिया का सबसे बड़ा कृषि विश्वविद्यालय है। यहां बीज, कृषि उपकरण और खेती के नए फार्मूलों, नई तकनीकी पर लगातार शोध होता रहता है। पंजाब के किसान अगर हर किस्म की खेती में अपना दबदबा बनाए रखने में कामयाब हुए हैं, तो उसमें पंजाब कृषि विश्वविद्यालय की बहुत बड़ी भूमिका है