जैविक खेती करने वाले मिजोरम के किसान की सफलता की कहानी, पीएम मोदी ने की तारीफ

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मिजोरम के आइजोल के श्री शुयाया राल्ते, जो 2017 से जैविक खेती को अपनाने वाले एक किसान हैं, ने प्रधानमंत्री को अदरक, मिजो मिर्च तथा अन्य सब्जियों के उत्पादन के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि वह अपनी उपज को नई दिल्ली तक की विभिन्न कंपनियों को बेचने में समर्थ हैं।

सरकार की ओर से जैविक खेती करने के लिए किसानों को प्रोत्साहित किया जा रहा है। इसके लिए सरकार किसानों को सब्सिडी भी दे रही है। कई किसानों ने सरकार की बात मानते हुए अनुदान पर खेती करना शुरू किया और इसके सकारात्मक परिणाम भी सामने आ रहे हैं। कई किसान जैविक खेती करके अच्छा लाभ कमा रहे हैं। इससे किसानों की आय में भी बढ़ोतरी हो रही है और उपभोक्ताओं को भी बिना रासायनिक खाद के फल, सब्जियां और अनाज मिल रहा है।

इस कड़ी में एक किसान ऐसे भी हैं जिन्होंने जैविक खेती अपनाकर अपनी आय को सात गुना तक बढ़ा लिया है। खास बात यह है कि इनके इस काम की तारीफ प्रधानमंत्री मोदी ने भी की है। यह किसान मिजोरम के रहने वाले हैं और इसका नाम शुयाया राल्ते है। हाल ही में जब पीएम मोदी ने इनसे बात की तो इन्होंने अपने जैविक खेती के अनुभवों को पीएम मोदी से साझा किया। जिस पर प्रधानमंत्री ने इस किसान की तारीफ की और उन्हें इसके लिए शुभकामनाएं दी।

पीएम मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग द्वारा की किसान से बात

हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से विकसित भारत संकल्प यात्रा के लाभार्थियों से बातचीत की। इस दौरान केंद्रीय मंत्रियों, सांसदों, विधायकों और स्थानीय स्तर के प्रतिनिधियों के साथ ही देशभर में विकसित भारत संकल्प यात्रा के हजारों लाभार्थी इस कार्यक्रम शामिल हुए। जैविक खेती से कितनी आमदनी हुई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के तहत मिजोरम के किसान शुयाया राल्ते ने कहा कि वह 2017 से जैविक खेती कर रहे हैं और इससे उनकी आमदनी हो रही है। किसान ने पीएम मोदी को जानकारी देते हुए बताया कि वह जैविक खेती की तकनीक अपनाकर अदरक, मिजो मिर्च सहित अन्य सब्जियों का उत्पादन कर रहे हैं। किसान ने बताया कि वह जितनी भी फसल का उत्पादन कर रहे हैं उसे वे नई दिल्ली की कंपनियों को बेचते हैं जिससे उन्हें काफी अच्छा पैसा मिल रहा है और इससे उनकी आय में भी बढ़ोतरी हो रही है।

जैविक खेती से किसान को कितनी हो रही है आमदनी

किसान ने बताया कि पहले उन्हें खेती से सालभर में सिर्फ 20,000 रुपए की आमदनी होती थी, लेकिन जब से उन्होंने जैविक खेती करना शुरू किया है उनकी आमदनी प्रति वर्ष बढ़ रही है। धीरे-धीरे आमदनी में इजाफा हो रहा है। अब वह जैविक खेती से प्रति वर्ष 1,50,000 रुपए तक की कमाई कर रहे हैं। इससे उनकी आय में करीब सात गुना तक बढ़ोतरी हुई है।

किसान कैसे बेचते हैं अपनी फसल

पीएम मोदी ने किसान से उनकी फसल को बाजार में बेचे जाने को लेकर सवाल किया तो किसान ने बताया कि उत्तर पूर्वी क्षेत्र में मिशन ऑर्गेनिक वैल्यू चेन डेवलपमेंट के तहत एक बाजार बनाया गया है। यहां किसान बिना किसी परेशानी के अपनी फसल बेच सकते हैं। इस पर पीएम मोदी ने संतोष व्यक्त करते हुए कहा कि देश में कई किसान जैविक खेती को अपनाने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं और श्री राल्ते जैसे उत्तर पूर्व के दूर-दराज के किसान इसके लिए मार्ग प्रशस्त कर रहे हैं।

नौ साल में सात गुना बढ़ा जैविक खेती का बाजार

पीएम ने इस बात पर कहा कि जैविक खेती आम लोगों और भूमि, दोनों के स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है। प्रधानमंत्री ने बताया कि पिछले 9 सालों के दौरान रसायन मुक्त उपज का बाजार सात गुना से अधिक हो गया है। इससे किसानों की आय में बढ़ोतरी हो रही है। वहीं उपभोक्ताओं का स्वास्थ्य भी बेहतर हुआ है। उन्होंने जैविक खेती करने वाले किसानों को धन्यवाद देते हुए अन्य किसानों को भी जैविक खेती अपनाने का आग्रह किया।

क्या होती है जैविक खेती

जैविक खेती, खेती की एक ऐसी विधि है जिसमें रासायनिक उर्वरकों का प्रयोग नहीं किया जाता है या इसका न्यूनतम प्रयोग किया जाता है। इसके अलावा इस प्रकार की खेती में भूमि की उर्वरा शक्ति को बनाए रखने के लिए फसल चक्र, हरी खाद, कम्पोस्ट आदि का प्रयोग किया जाता है। ऐसे में इससे प्राप्त की गई उपज स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होती है। इस प्रकार की खेती से भूमि की उर्वरता भी बनी रहती है। खास बात यह है कि जैविक खेती की तकनीक को अपनाकर किसान अपनी खेती की लागत को कम कर सकते हैं। आज जैविक उत्पादों की बढ़ती मांग के कारण इसके बाजार में काफी अच्छे भाव मिलते हैं।