छपरा के छोरे ने अक्‍ल लगाई, ‘देहात’ से कर रहा ताबड़तोड़ कमाई

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अमित शुक्‍ला

शशांक कुमार बिहार के छपरा से ताल्‍लुक रखते हैं। उनकी मां टीचर रही हैं। पिता बिहार नेशनल स्टेट इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड में नौकरी करते थे। शशांक की परवरिश ऊंचे नैतिक मूल्‍यों के साथ हुई। इसने उनमें कुछ अलग करने का जुनून पैदा किया। आईआईटी-दिल्ली में टेक्सटाइल इंजीनियरिंग करने से पहले उन्होंने झारखंड के जाने-माने नेतरहाट स्‍कूल में पढ़ाई की। साल 2008 में आईआईटी-दिल्ली से ग्रेजुएशन करने के बाद शशांक कुमार ने मैनेजमेंट कंसल्टिंग फर्म बीकन एडवाइजरी सर्विसेज में अपना करियर शुरू किया। साल 2012 में उन्‍होंने DeHaat नाम का ऑनलाइन प्‍लेटफॉर्म शुरू किया था। वित्त वर्ष 2022-23 में इसका रेवेन्‍यू 1,965 करोड़ रुपये पहुंच गया।

ऐसे शुरू हुआ सफर

साल 2011 में शशांक कुमार और उनके दोस्त मनीष कुमार ने भारतीय कृषि को बदलने के नजरिये के साथ गैर-लाभकारी संगठन ‘फर्म एंड फार्मर्स’ की स्थापना की थी। इसने DeHaat की नींव रखने का रास्‍ता तैयार किया। यह एक सोशल एंटरप्राइज है जो किसानों और कॉरपोरेशनों के बीच की खाई को पाटता है। 2012 में DeHaat ने अपना मुख्‍य प्लेटफॉर्म ग्रीन एग्रीवोल्यूशन लॉन्च किया। इसका मकसद किसानों को सशक्त बनाना और उनकी पैदावार में सुधार करने के लिए प्रौद्योगिकी का लाभ उठाना था। जब शशांक ने DeHaat की शुरुआत की थी तब उनकी उम्र सिर्फ 24 साल थी।

पुराने साथ‍ियों को जोड़ा

पुराने साथ‍ियों को जोड़ा

देखते ही देखते शशांक कुमार की उद्यमशीलता के सफर ने रफ्तार पकड़ ली। उन्होंने समान विचारधारा वाले व्यक्तियों की एक टीम तैयार की। इन लोगों ने शशांक के नजरिये को साझा किया। आईआईटी-दिल्ली, आईआईएम और एनआईटी के पूर्व छात्रों अमरेंद्र सिंह, श्याम सुंदर और आदर्श श्रीवास्तव के साथ मिलकर शशांक ने DeHaat की कमान संभाली। उन्होंने देशभर के किसानों को सशक्त बनाने के लिए टेक्‍नोलॉजी और इनोवेशन का फायदा उठाने की ठानी।

DeHaat का काम क्‍या है?

DeHaat का काम क्‍या है?

मूल रूप से DeHaat एक डिजिटल पोर्टल है। यह छोटे किसानों को माइक्रो-बिजनेस ओनर्स की कम्‍युनिटी से जोड़ता है। ये माइक्रो-आंत्रप्रेन्‍योर किसानों को बीज, फर्टिलाइजर, मशीनरी और फसल से जुड़े सलाह और सेवाओं सहित कई कृषि इनपुट और उपकरण प्रदान करते हैं। इसके अलावा DeHaat मार्केट कनेक्शन की सुविधा प्रदान करता है। इससे किसानों को घरेलू और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपने उत्पाद बेचने में मदद मिलती है।

करोड़ों की बन चुकी है कंपनी

करोड़ों की बन चुकी है कंपनी

वर्तमान में कंपनी ने 11 राज्यों में अपनी उपस्थिति का विस्तार किया है। 1,00,000 गांवों में 15 लाख किसानों को सेवा प्रदान करने वाले 10,000 से अधिक DeHaat फ्रेंचाइजी केंद्र संचालित किए जा रहे हैं। वित्त वर्ष 2022-2023 में DeHaat का सकल राजस्व 54.2% बढ़कर 1,965 करोड़ रुपये तक पहुंच गया। वित्त वर्ष 2021-22 में यह 1,274 करोड़ रुपये था।