मूंग की खेती : खेत तैयार करने से लेकर फसल की सिंचाई तक का जानें तरीका 

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रबी की फसल कटते ही किसान गर्मी के दिनों में होने वाली मूंग की खेती की तैयारी में जुट जाते हैं. कई बार बीज उपचार सहित सही ढंग से बुवाई के लिए खेत नहीं बन पाने के कारण अपेक्षित पैदावार प्राप्त नहीं हो पाती. ऐसे में कृषि सलाहकार ने कुछ खास तरीके बताएं हैं, जिससे किसान को अच्छी पैदावार मिल सकती है.

ऐसे करें खेत तैयार
कृषि सलाहकार अमित त्रिपाठी ने AGROINDIA को बताया कि मूंग की बेहतर पैदावार लेने के लिए सबसे पहले खेत की तैयार करें. खेत की गहरी जुताई करें, ताकी मिट्टी पलट जाए. इसके बाद दो बार कल्टीवेटर से जुताई करें, ताकि खेत की मिट्टी अच्छे से भुरभुरी हो जाए. दीमक से ग्रसित भूमि को फसल की सुरक्षा के लिए क्यूनालफास 1.5 प्रतिशत चूर्ण 25 किलोग्राम प्रति एकड़ के हिसाब से अंतिम जुताई से पहले खेत में बिखेर दें और उसके बाद जुताई कर उसे मिट्टी में मिला दें.

बीजों का सही चयन
कृषि सलाहकार ने AGROINDIA को बताया कि ग्रीष्मकालीन मूंग की खेती के लिए किसान हाइब्रिड बीजों का चयन करें. हाइब्रिड बीजों में उत्पादन क्षमता के साथ ही तापमान सहने की भी अत्यधिक क्षमता होती है, जिससे किसान 15 से 20 क्विंटल प्रति हेक्टेयर उत्पादन कर बड़ी आसानी से लाखों की कमाई कर सकते हैं.

पहले करें बीजों का उपचार
ग्रीष्मकालीन मूंग की बुवाई में 20-25 किलोग्राम प्रति एकड़ मूंग लेना चाहिए. जिसे 3 ग्राम थायरम फफूंदनाशक दवा से प्रति किलो बीज के हिसाब से उपचारित करने से बीज और भूमि जन्य बीमारियों से फसल सुरक्षित रहती है. इसके अलावा आप इफको की सागरिका, नैनो डीएपी से भी बीज उपचारित करा सकते हैं. इसके अलावा 600 ग्राम राइज़ोबियम कल्चर को किसी पात्र में लेकर 1 लीटर पानी में डाल दें. साथ ही 250 ग्राम गुड़ के साथ मिश्रित कर गर्म कर लें, जिसके ठंडा होने पर बीज को उपचारित कर छांव में सुखा लें और बुवाई कर दें.

उर्वरक के प्रयोग
अगर संभव हो सके तो सबसे पहले मिट्टी की जांच करा लें, ताकि आवश्यक उर्वरक और खाद का प्रयोग किया जाए. हद तक रबी सीजन में पहले से जमीन में पड़े उर्वरक मूंग की फसल के लिए कारगर होते हैं. फिर भी कम से कम 5 से 10 टन गोबर की खाद या कम्पोस्ट आप खेतों में डालें. इससे आगामी से फसलों को भी लाभ होगा. इसके अलावा मूंग के लिए 20 किलो नाइट्रोजन, 40 किलो फास्फोरस, 20 किलो पोटाश, 25 किलो गंधक और 5 किलो जिंक प्रति हेक्टेयर की आवश्यकता होती है.

कब करें सिंचाई
वैसे तो ग्रीष्मकालीन मूंग की फसल को पानी की आवश्यकता ज्यादा नहीं होती. फसल 25 से 40 डिग्री तक का तापमान सहन कर लेती है. लेकिन, यदि आप फूल आने की अवस्था पर सूखे की स्थिति में सिंचाई करते हैं तो उपज में काफी बढ़ोतरी होती है.