मटर की 4 उन्नत किस्में, सितंबर से अक्‍टूबर के पहले हफ्ते तक बोएं मटर

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भारत में सर्दियों के दिनों में शायद ही कोई ऐसी सब्‍जी बचती है, जो मटर के साथ न बनती हो. मटर एक दलहन फसल है और भारत में बड़े पैमाने पर मटर का उत्‍पादन होता है, जबकि‍ इसकी खपत भी काफी होती है. अब तो हरी मटर के दाने फ्रीज़ कर भी बेचे जाते हैं, इसके मार्केट का दायरा भी तेजी से बढ़ा है. वहीं, सूखी मटर का उपयोग तो काफी पहले से होता आ ही रहा है. यही वजह है कि मटर की खेती फायदे के सौदे वाली खेती में गिनी जाती है और किसान अच्‍छे मुनाफे के लिए इसकी खेती करना बहुत पंसद करते हैं.

अक्‍टूबर के पहले हफ्ते तक बोएं मटर

सितंबर से लेकर शुरुआती अक्टूबर तक का समय मटर की अगेती किस्‍म की बुआई लिए सही होता है. ऐसे में इसकी खेती और अच्‍छी पैदावार देने वाली किस्‍मों की जानकारी होना बहुत जरूरी है, जो अच्छा मुनाफा दे सकें. जानिए मटर की चार ऐसी किस्‍मों के बारे में…

1. अर्ली बैजर 

मटर की अर्ली बैजर किस्‍म एक विदेशी वैरायटी है. इसकी फलियों में बनने वाला बीज झुर्रीदार होता हैं. इसका पौधा बौना होता है. इसकी फसल लगभग 50 से 60 दिन में तैयार हो जाती है. इस किस्‍म की मटर की फलियों में औसतन 5 से 6 दाने पाए जाते हैं. वहीं, अगर उत्‍पादन की बात करें तो इससे प्रति हेक्टेयर 10 टन के आसपास पैदावार मिल सकती है. 

2. काशी नंदिनी 

काशी नंदिनी मटर की एक लोकप्रि‍य किस्‍म है. काशी नंदिनी मटर की किस्‍म वर्ष 2005 में जारी की गई थी. मटर की यह बेहतरीन किस्म पंजाब, यूपी, उत्तराखंड, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, झारखंड, कर्नाटक, तमिलनाडु और केरल में खेती के लिए उपयुक्‍त है. इससे प्रति एकड़ 44 से 48 एकड़ तक पैदावार हासिल हो सकती है.

3. काशी उदय

काशी उदय मटर की किस्‍म 2005 में जारी की गई थी. यह किस्‍म बिहार, झारखंड, उत्तरप्रदेश राज्यों में खेती के लिहाज से एकदम सही है. इसकी फलियां 9 से 10 सेंटीमीटर तक लंबी होती हैं. इस किस्‍म से प्रति एकड़ 42 क्विंटल मटर की पैदावार संभव है. बाजार में इसकी कीमत भी अच्‍छी मिलती है. यह किस्म 60 दिन के पककर तैयार हो जाती है.

4. काशी अगेती 

काशी अगेती मटर की एक किस्म है, जो बेहद बहुत कम दिनों में तैयार हो जाती है. इसकी फसल 50 दिनों में उपज के लिए तैयार हो जाती है. इस किस्म की फलियां गहरे हरे रंग की होने के साथ सीधी होती हैं. इस किस्‍म से प्रति एकड़ 38 से 40 क्विंटल तक पैदावार हासि‍ल हो सकती है.