मध्य प्रदेश के बैतूल में एक पौधा कौतूहल का विषय बना हुआ है. यह पौधा सोयाबीन का है और इसकी ऊंचाई 12 फीट से ज्यादा है. आपको बता दें कि खेतों में जो सोयाबीन का पौधा होता है जिसकी ऊंचाई 1 फीट से 4 फीट तक की होती है, लेकिन अब 12 फीट ऊंचे इस पौधे को देख कर आम लोगों के साथ कृषि वैज्ञानिक भी हैरान हैं. दरअसल, बैतूल बाजार नगर में एक चाय की दुकान के सामने लगे इस सोयाबीन के पौधे को देख कर लोग आश्चर्यचकित हो जाते हैं. बैतूल बाजार के कृषक आशीष वर्मा ने 2 साल पहले सोयाबीन के कुछ बीज अपनी चाय की दुकान के सामने लगाए थे.
इन बीच से जब बीज अंकुरित हुए तो एक पौधा तेजी से बढ़ने लगा और 6 माह तक जिंदा रह इसमें फल्ली भी आई, जिसमे 400 ग्राम सोयाबीन के दाने निकले. वहीं, इस साल मार्च में फिर आशीष वर्मा ने बीज डाले और फिर यह पौधा 12 फीट से ऊंचा हो गया है.
अचंभित रह जाते हैं लोग
पिछले साल सोयाबीन के फल पकने के बाद यह पौधा सूख गया था. इस साल फिर आशीष ने सोयाबीन के बीज लगाए और जो पौधा उगा उसे बचाने के लिए अतिरिक्त सुरक्षा का इंतजाम किया, जिससे उसकी ऊंचाई अब लगभग 12 फीट तक पहुंच गई है. ऐसे में जब भी दुकान पर ग्राहक आते हैं और इस विशाल पौधे को देखते हैं, तो वे अचंभित रह जाते हैं. वे इसे एक अनोखी और दुर्लभ घटना मानते हैं.
बीज का किया जाएगा शोध
बैतूल बाजार के कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक विजय वर्मा ने बताया कि वे भी इस बात से हैरान हैं कि सोयाबीन का पौधा 12 फीट की ऊंचाई तक कैसे पहुंच गया. उन्होंने बताया कि इस बार यदि इस पौधे में फल लगते हैं, तो उसके बीजों को शोध के लिए भेजा जाएगा. उन्होंने बताया कि सामान्यत सोयाबीन के पौधे तीन से चार फीट की ऊंचाई पर फल लगने के बाद अपना भार नहीं सह पाते और गिर जाते हैं. इसलिए इस विशेष पौधे को बांस के सहारे से बांधा गया है, जिससे इसकी ऊंचाई इतनी अधिक हो सकी. यदि इस तरह की ऊंचाई वाली खेती को प्रोत्साहित करना है, तो किसानों को प्रत्येक पौधे के लिए बांस का सहारा देना होगा, जो व्यावहारिक रूप से कठिन है.
वैज्ञानिकों के लिए यह सोयाबीन का पौधा शोध का महत्वपूर्ण विषय हो सकता है, लेकिन व्यावहारिक दृष्टिकोण से, किसान आमतौर पर उन सोयाबीन की किस्मों को प्राथमिकता देते हैं, जो 90 से 100 दिनों में तैयार हो जाती हैं. वे ऐसी किस्मों पर अधिक भरोसा करते हैं, जो कम समय में फसल देने के लिए जानी जाती हैं. ऐसे में यह विचार करने वाली बात हैं कि क्या किसान एक ऐसी किस्म की बुवाई करेंगे, जो लंबे समय में फल दे.
‘अभी तक ऐसा पौधा नहीं देखा’
वहीं, आशीष का कहना है कि पिछले साल बीज डाला था तो 12 फीट से ज्यादा ऊंचा पौधा हुआ था उसमें फल्ली आई थी. 6 माह तक की जिंदा रहा इस साल मार्च के महीने में फिर बीज डाला था और अब यह पौधा 12 फीट से ऊपर हो गया है. साथ ही डॉ लवलेश वर्मा (किसान मित्र) का कहना है कि जो प्रक्रिया होती है उसमें हार्मोनल समस्या लग रही है, इसलिए असमानता देखने को मिलती है सोयाबीन का पौधा इतना बड़ा होना हैरतअंगेज तो है.
कृषि वैज्ञानिक विजय वर्मा का कहना है कि सोयाबीन की खेती 40 से 45 वर्ष से हो रही है. अभी तक ऐसा पौधा देखने में नहीं आया है. कई वैज्ञानिकों से बात की गई है सब को आश्चर्य हो रहा है इसलिए यह एक अनुसंधान का विषय है और किसान से बीज लेकर इस पर शोध शुरू कर दिया गया है.