प्रदेश में 1.25 लाख किसानों को मिलेंगे सोलर पंप,पशुपालकों को मिलेगा सब्सिडी

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मध्य प्रदेश के किसानों के लिए खुशखबरी है. यहां किसानों की आर्थिक आय को बढ़ाने से लेकर पशुपालकों के लिए कई योजनाएं चलाई जा रही है. मुख्यमंत्री मोहन यादव ने गुरुवार को पत्रकारों से चर्चा में सरकार के रोड मैप की जानकारी देते हुए कहा कि प्रदेश की अर्थव्यवस्था को दोगुना किया जाएगा. इसमें अगले चार साल में एक लाख 25 हजार अस्थाई बिजली कनेक्शन वाले किसानों को सोलर पंप दिए जाएंगे. इससे किसान बिजली आपूर्ति में आत्मनिर्भर बनेंगे. साथ ही CM मोहन यादव ने कई योजनाओं पर बातें की.

पशुपालकों को मिलेगा सब्सिडी

CM मोहन यादव ने कहा कि अगले पांच साल में सिंचाई क्षमता 50 लाख हेक्टेयर से बढ़ाकर एक करोड़ हेक्टेयर की जाएगी. इसके अलावा जो पशुपालकों 10 गायों से अधिक गाय का पालन करेंगे उन्हें सब्सिडी दिया जाएगा. साथ ही जिस तरह गेहूं और धान की खरीद पर किसानों को बोनस दिया जाता है, उसी तर्ज पर दूध पर भी बोनस दिया जाएगा. इससे अधिक से अधिक किसान पशुपालन की तरफ आकर्षित होंगे. राज्य में पशुपालन पर जोर देने के लिए सरकार ने यह फैसला लिया है.

मध्य प्रदेश में ये मिशन होगा शुरू

इसके अलावा उन्होंने कहा कि प्रदेश में चार मिशन युवा, महिला, किसान और गरीब कल्याण 26 जनवरी से शुरू किए जाएंगे. सीएम ने कहा कि प्रदेश में वर्तमान में कुल विद्युत उपलब्ध क्षमता 23 हजार 30 मेगावाट है, आगामी 5 वर्षों में कुल विद्युत उत्पादन क्षमता 31000 मेगावाट करने का लक्ष्य है. सीएम ने कहा कि प्रदेश में महिला स्व सहायता समूह को जन आंदोलन बनाया जाएगा. वर्तमान में 25 लाख महिलाएं स्व सहायता समूहों से जुड़ी हैं, यह संख्या 4 साल में 50 लाख तक बढ़ाई जाएगी.

किसानों के लिए किए गए ये काम

  1. आयुष्मान भारत का ऑनलाइन निराकरण शुरू किया गया.
  2. खुले में मांस के बिक्री को प्रतिबंधित किया गया.
  3. दुग्ध उत्पादन योजना में अब तक 4 करोड़ से अधिक आयुष्मान कार्ड वितरित कर मप्र देश में सबसे आगे है.
  4. इंदौर की हुकुमचंद मिल के 4800 मजदूरों की बकाया पैसा 224 करोड़ रुपये का भुगतान करवाया गया.
  5. रानी दुर्गावती श्रीअन्न प्रोत्साहन योजना में किसानों को 13900 रुपये प्रति हेक्टेयर की अतिरिक्त मदद देने का निर्णय लिया गया.
  6. सोयाबीन का समर्थन मूल्य 4892 रुपये प्रति क्विंटल की दर से उपार्जन करने का निर्णय लिया गया. साइबर तहसील के नामांतरण और बंटवारा जैसे राजस्व प्रकरणों बढ़ाने के लिए मप्र सरकार और राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड के बीच एमओयू हुआ.

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