हरियाणा में विधानसभा चुनाव सिर पर हैं. इसी महीने आचार संहिता लगने की उम्मीद है. ऐसे में अब नायब सिंह सैनी सरकार किसानों और कर्मचारियों के लिए ताबड़तोड़ फैसले ले रही है. इसी कड़ी में राज्य सरकार ने 78वें स्वतंत्रता दिवस पर किसानों को बड़ी सौगात दी. दुग्ध उत्पादक प्रोत्साहन योजना के तहत 35 हजार दूध उत्पादकों को अप्रैल, मई और जून, 2024 के लिए 15 करोड़ 59 लाख रुपये की दुग्ध सब्सिडी जारी की. साथ ही अंत्योदय परिवारों के सदस्यों के लिए प्रोत्साहन राशि 5 से बढ़ाकर 10 रुपये प्रति लीटर कर दी. इसी तरह सरकार ने प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए देसी गाय रखने वाले किसानों को प्रति गाय 30 हजार रुपये सालाना अनुदान देने का प्रावधान किया गया है.
इस अवसर पर मुख्यमंत्री सैनी ने एक और बड़ा एलान करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री बीमा योजना के तहत हरियाणा में घरों तक दूध सप्लाई करने वालों का बीमा प्रीमियम राज्य सरकार खुद भरेगी. मुख्यमंत्री ने चंडीगढ़ स्थित अपने आवास पर आयोजित कार्यक्रम के दौरान प्रदेशभर से आए दूध उत्पादकों को संबोधित किया. इस दौरान पशुपालकों को मिलने वाली सुविधाओं और योजनाओं का आंकड़ों सहित ब्यौरा दिया.
कितनी सब्सिडी दी?
मुख्यमंत्री दुग्ध उत्पादक प्रोत्साहन योजना के तहत वर्ष 2022-23 में 32 करोड़ 51 लाख रुपये और वर्ष 2023-24 में 39 करोड़ 37 लाख रुपये सब्सिडी के तौर पर किसानों को दिए गए हैं. इस योजना को और आगे बढ़ाते हुए सरकार ने वर्ष 2024-25 के दौरान सब्सिडी राशि की सीमा को 6 महीने से बढ़ा कर एक साल तक कर दिया है.
कितनी है दूध सब्सिडी?
हरियाणा सरकार ने अंत्योदय परिवारों के सदस्यों की प्रोत्साहन राशि 5 रुपये से बढ़ाकर 10 रुपये प्रति लीटर कर दी है. यह रकम दुग्ध संघों द्वारा प्रदान की जा रही दूध की कीमत के अतिरिक्त होगी. इसलिए इस वित्त वर्ष में 100 करोड़ रुपये की रकम का प्रावधान किया गया है. अंत्योदय परिवार वो होते हैं जिनकी परिवारिक वार्षिक आय 1.80 लाख रुपये से कम होती है.
राष्ट्रीय औसत से डबल है दूध उपलब्धता
सीएम ने कहा कि हरियाणा राज्य अपनी मुर्रा नस्ल की भैंस के लिए विश्व प्रसिद्ध है. हरियाणा नस्ल की गाय की अपनी अलग पहचान है. हम हरियाणा में दूध उत्पादन को एक उद्योग के रूप में स्थापित करने का प्रयास कर रहे हैं. इसी का परिणाम है कि प्रति व्यक्ति दूध की उपलब्धता में हरियाणा देश में तीसरे स्थान पर है. हमारी प्रति व्यक्ति दूध उपलब्धता 1098 मिली लीटर प्रतिदिन है, जोकि देश की प्रति व्यक्ति दूध उपलब्धता 459 मिली लीटर से दोगुना है. प्रदेश की इस उपलब्धि में दुग्ध उत्पादकों का बड़ा योगदान है.
रेवाड़ी में नया प्रोसेसिंग प्लांट
सैनी ने कहा कि हरियाणा में सहकारी दुग्ध समितियों का जाल बिछा हुआ है. प्रदेश में इस समय दूध की खरीद के लिए 3300 सहकारी दुग्ध समितियां हैं. इसके अलावा, दूध की प्रोसेसिंग के लिए 6 मिल्क प्लांट हैं, जिनकी रोजाना दुग्ध प्रोसेसिंग क्षमता 9.45 लाख लीटर है. अब 280 करोड़ रुपये की लागत से जिला रेवाड़ी के गांव बिंदावास में एक नया दूध संयंत्र स्थापित कर रहे हैं. इस संयंत्र की प्रतिदिन दूध प्रोसेसिंग क्षमता 5 लाख लीटर होगी.
पशुओं का फ्री बीमा
मुख्यमंत्री ने कहा कि पशुपालन को जोखिम मुक्त करने के लिए दीनदयाल उपाध्याय सामूहिक पशुधन बीमा योजना शुरू की गई है. इसके तहत कोई भी पशुपालक अपने बड़े पशु का दुग्ध उत्पादन क्षमता अनुसार 100 से 300 रुपये और छोटे पशु का 25 रुपये प्रीमियम देकर बीमा करवा सकता है. अनुसूचित जातियों के पशुपालकों के पशुओं का बीमा मुफ्त किया जाता है. इस स्कीम के तहत 8 लाख 52 हजार पशुओं का बीमा किया गया है. दुर्घटना बीमा योजना के तहत सहकारी दुग्ध समितियों से जुड़े दूध उत्पादकों का 10 लाख रुपये का बीमा किया जा रहा है.