राधे-राधे गाते रहना जल्दी-जल्दी वृंदावन आते रहना…जी हां वृंदावन, जहां बीता भगवान श्रीकृष्ण का बचपन, गोपियों संग रास और राधा-रानी संग प्रेम का अटूट अहसास। उत्तर प्रदेश में मथुरा से मात्र 15 किलोमीटर दूर बसा वृंदावन सिर्फ एक धार्मिक जगह नहीं बल्कि जिंदगी में मिलने वाला एक सुकून है। वृंदावन की भक्ति आपको एक अलग ही दुनिया में ले जाती है। जहां आप बांके बिहारी मंदिर और इस्कॉन मंदिर तो जरूर गए होंगे। लेकिन हम आपको वृंदावन की कुछ ऐसी जगह बताने जा रहे हैं। जो इतिहास के रहस्य से पर्दा उठाती हैं श्रीकृष्ण और राधा-रानी के प्रेम का सार बताती हैं। इतिहास को करीब से देखने के लिए यहां आपको जरूर जाना चाहिए। आध्यात्म से जुड़े लोग और इतिहास प्रेमियों को इन जगह पर एक अलग ही एक्सपीरियंस होगा। वृंदावन जा रहे हैं तो इन खास जगह पर जाना न भूलें।
केसी घाट पर सुकून और शांति का संगम
घाट हमेशा ही शांति और सुकून के लिए आकर्षित करते हैं। शांत और भव्यता से बहती हुई यमुना के तट पर स्थित केसी घाट की सुंदरता सूर्योदय और सूर्यास्त से कई गुना बढ़ जाती है। घाट पर होने वाली शाम की आरती में शामिल होने का अहसास भी अलग है। मान्यता है कि इस घाट पर भगवान श्रीकृष्ण राक्षस केसी का वध करने के बाद स्नान के लिए गए थे।
राधा रमन मंदिर की अलौकिक सुंदरता
जटिल नक्काशी वाला राधा रमन मंदिर बेहद ही सुंदर है। यह मंदिर भगवान कृष्ण को समर्पित है, जिन्हें राधा रमन माना जाता है, जिसका अर्थ है राधा को प्रसन्न करने वाला। मान्यता है कि मंदिर में ठाकुर जी की एक मूर्ति में 3 छवि नजर आती हैं कभी यह छवि गोविंद देव जी की तरह दिखती है तो कभी वृक्ष स्थल गोपी नाथ की तरह नजर आती है और कभी चरण मदन मोहन जी के विग्रह रूप के दर्शन देती है।
साल में एक बार खुलता बैकुंठ दरवाजा
मथुरा-वृंदावन के मंदिरों में रंगजी मंदिर सबसे खास है। जहां का बैकुंठ दरवाजा साल में सिर्फ एक बार ही खुलता है। कहा जाता है कि जिसने भी इस दरवाजे को पार कर लिया उसे मोक्ष मिल जाता है। जो सिर्फ बैकुंठ एकादशी के दिन खोला जाता है। इस मंदिर का निर्माण दक्षिण भारत के मंदिरों की तर्ज पर किया गया है।
इमलीतला मंदिर के पीछे दिलचस्प कहानी
यमुना के तट पर स्थित इमलीतला मंदिर से जुड़ी कई कहानियां और मान्यताएं हैं। जिन्हें जानकर एक बार जरूर इमलीतला मंदिर जाने का मन करेगा। मान्यता है कि एक बार जब राधा-रानी रास के बीच में गायब हो गईं तो श्री कृष्ण इमली के पेड़ के नीचे बैठकर अलगाव की दुखद भावना में लीन हो गए और राधा-रानी के मधुर नाम का जाप करने लगे।
जब भगवान श्रीकृष्ण ने दी गवाही
मथुरा-वृंदावन रोड पर स्थित पागल बाबा मंदिर एक भक्त की भक्ति का सबूत है। मान्यता है कि उधारी को लेकर जब एक भक्त का मामला कोर्ट पहुंचा तो बांके बिहारी गवाही देने के लिए चले आए थे। बता दें पागल बाबा मंदिर 221 फीट ऊंचा सफेद संगमरमर के पत्थरों से बना हुआ है, जो सुंदरता के लिए भी काफी फेमस है।
रहस्य से भरा ‘सेवा कुंज’
निधिवन से बमुश्किल एक किलोमीटर की दूरी पर सेवाकुंज है। मान्यता है कि यह वही वन है जहां भगवान श्री कृष्ण ने गोपियों के साथ रासलीला की थी। वन के बीचों-बीच एक मंदिर है। इस मंदिर में श्रीकृष्ण आज भी राधा रानी के साथ रात में विश्राम करते हैं जिसकी निशानी भी सुबह दिखती है। माना जाता है कि यहां श्रीकृष्ण ने राधा रानी की सेवा की थी इसलिए इसे सेवा कुंज कहते हैं।