डीएपी, यूरिया और अन्य उर्वरकों की जद्दोजहद,रात से ही लाइन में लगने की मजबूरी

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पंजाब और हरियाणा में खाद को लेकर मचे संग्राम और राजनीतिक बयानबाजी के बीच उत्तर प्रदेश के कुछ जिलों में खाद की किल्लत ने किसानों की परेशानी बढ़ा दी है. उत्तर प्रदेश के झांसी, बांदा और औरैया समेत कुछ अन्य जिलों में खाद पाने के लिए किसान दुकानों के बाहर रात से ही लाइन में लग जा रहे हैं. यहां तक कि किसानों को खाद की लाइन में ही धक्कामुक्की के बीच किसी तरह भोजन भी करना पड़ रहा है. लाइन से हटे तो खाद नहीं मिलने के डर से एक ही परिवार के कई लोग बारी बारी से लाइन में लग रहे हैं.  

बुंदेलखंड के झांसी में रात 3 बजे से लग जाती है खाद की लाइन 

रबी फसलों की बुवाई के लिए किसानों को डीएपी, यूरिया और अन्य उर्वरकों की जरूरत है. सरकार के पर्याप्त उपलब्धता के दावों के बीच किसानों को खाद पाने के लिए कई-कई घंटे लाइन में गुजारने पड़ रहे हैं. बुंदेलखंड के झांसी जिले के मऊरानीपुर में बीते शुक्रवार को सहकारी समिति और पीसीएफ गोदाम में खाद के लिए रात से ही लम्बी-लम्बी लाइनें लग जाती हैं. जिनमें पुरुष भी होते हैं और महिलाएं समेत बुजुर्ग भी खाद पाने के लिए खड़े होते हैं. किसान घर से ही खाना बांधकर लाते हैं और अपने नंबर आने का इंतजार करते हैं. कई किसान तड़के सुबह 3 बजे से ही खाद गोदामों पर पहुंच जाते हैं, जिससे उन्हें समय पर खाद मिल जाए लेकिन ऐसा नहीं होता है. 

खाद की लाइन में लगे किसान भागीरथ कहते हैं कि हम कोटरा गांव से हैं. खाद लेने हम यहां आए हैं. सुबह पांच से आ गए थे, लेकिन अभी तक खाद नहीं मिली है. कल है शनिवार दिवस इसलिए एसडीएम साहब और सीओ साहब ने एक-एक बोरी का ऐलान कराया है. क्योंकि खाद कम है. लाइन में लगीं भागवती कहती है कि हम मऊरानीपुर से आए हैंखाद लेने के लिए हमारे लड़के सुबह तीन बजे आ गए थे, हम तो सुबह आए हैं. अब हम लाइन में लग गए है. पहले लड़का लाइन में लगा था. हमें 10 बोरी खाद चाहिए है लेकिन मिल रही केवल एक बोरी.

बांदा में असली खाद की बोरी में नकली खाद की बिक्री 

बांदा में खाद के लिए किसानों में हाहाकार मचा हुआ है, रबी की फसलों की बुआई के लिए किसान खाद के लिए दर दर भटक रहे हैं. दूसरी तरफ असली बोरी में नकली खाद किसानों को बेची जा रही है. सूचना मिलने पर कृषि विभाग, राजस्व और पुलिस टीम ने छापेमारी कर 13 बैग नकली खाद बरामद की है. किसानों का आरोप है कि क्रय केंद्रों में खाद उसे ही मिलती है जिसका सिस्टम होता है, वहां के कर्मचारी खाद की कालाबजारी करते हैं, इससे परेशान होकर किसान प्राइवेट दुकानों में औने पौने दाम में खाद खरीदने को मजबूर हैं. दुकानों में खाद की बोरी तो असली है लेकिन उसके अंदर भरी खाद नकली है, जिसको सूचना मिलने पर कृषि अफसरों ने एक ई रिक्शा में 13 बोरी नकली खाद पकड़ा है. 

उपकृषि निदेशक विजय कुमार ने बताया कि आज खाद की रैक आने वाली है, जल्द ही सभी किसानों को खाद उपलब्ध कराई जाएगी. दीवाली की त्योहार की वजह से खाद की रैक आने में देरी हुई है. डीएम ने रेल अफसरों से बात करके जल्द खाद मंगवाने की बात की है. वहीं, जिला कृषि अधिकारी मनोज गौतम ने बताया कि आज सूचना मिलने पर एक ई रिक्शे में नकली खाद बरामद हुई है.

औरेया में किसानों को समझाने के लिए पुलिस को आना पड़ रहा 

औरैया में किसान गेहूं आलू एवं सरसों की फसल के लिए डीएपी खाद पाने के लिए परेशानी उठा रहे हैं.  डीएपी की लेकर हंगामा मचा हुआ है. औरैया जिले के अछल्दा क्षेत्र के मानिकपुर में एक समिति पर डीएपी की कुछ बोरियां किसानों को वितरण करने के लिए आई हुई थीं. खाद आने की जानकारी किसानों को हुई तभी आसपास के गांवों से बड़ी संख्या में किसानों डीएपी खाद लेने के लिए पहुंच गए. किसानों की भीड़ और आपस में धक्कामुक्की को देखकर पुलिस को बीच में आना पड़ा. औरैया के कृषि अधिकारी शैलेंद्र कुमार का कहना है कि डीएपी बराबर मंगाई जा रही. अभी समितियों पर डीएपी भेजी गई है. कल फर्रखाबाद से और डीएपी आ जायेगी. किसी तरह से डीएपी की कमी नहीं होने दी जाएगी और बराबर उपलब्ध कराई जाएगी. (झांसी से प्रमोद कुमार, बांदा से सिद्धार्थ गुप्ता, औरैया से सूर्य प्रकाश शर्मा की रिपोर्ट)