*घोषणा की थी 2700 रुपए समर्थन मूल्य की, दिया सिर्फ 125 रुपए बोनस, वह भी मिलेगा या नहीं उसकी कोई गारंटी नहीं*

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 *पिछले 4 साल से बोनस और भावांतर की राशि के लिए भटक रहे हैं किसान*

इंदौर ।मध्य प्रदेश सरकार द्वारा गेहूं के मूल्य को लेकर एक बार फिर किसानों के साथ ठगी की गई है। भाजपा ने विधानसभा चुनाव के दौरान अपने घोषणा पत्र में वादा किया था कि किसानों का गेहूं 2700 रुपए प्रति क्विंटल के समर्थन मूल्य पर खरीदा जाएगा ,लेकिन आज जब सरकार बन गई है तो मुख्यमंत्री ने 2275 रुपए के समर्थन मूल्य पर केवल 125 रुपए प्रति क्विंटल बोनस देने की घोषणा की है, जो सरासर वादा खिलाफी और किसानों के साथ धोखा है। संयुक्त किसान मोर्चा ने  कहा है कि इसके पूर्व भी 2018 में शिवराज सरकार द्वारा गेहूं सोयाबीन और प्याज पर बोनस एवं भावांतर की घोषणा की गई थी । वह भी केवल घोषणा बनकर रह गई है । मध्यपदेशहजारों किसानों ने सरकार पर भरोसा कर अपनी उपज मंडियों में बेच दी । लेकिन 2018 से आज तक हजारों किसान भावांतर और बोनस की राशि के लिए भटक रहे हैं ।

 संयुक्त किसान मोर्चा के रामस्वरूप मत्री व बबलू जाधव ने सरकार  की इस घोषणा का विरोध करते हुए कहा है कि सरकार ने किसानों से चुनाव के वक्त वादा किया था कि उनका गेहूं 2700 प्रति क्विंटल पर खरीदा जाएगा मगर अब सरकार बनने पर केवल 125 रुपया प्रति क्टवील बोनस देने  की घोषणा की गई है , जो सरासर वादा खिलाफी और किसानों के साथ धोखा है ।

 संयुक्त किसान मोर्चा ने 2018 से बकाया बोनस और भावांतर की राशि के भुगतान की अपनी मांग दोहराते हुए कहा है कि सरकार की हर गारंटी फेल हो रही है ,जिसका उदाहरण पिछले चार सालों से भावांतर और बोनस की राशि का भुगतान नहीं होना है । यदि सरकार में जरा भी शर्म बाकी हो तो पहले वह 2018 से बकाया भावांतर और बोनस की राशि का भुगतान करते हुए किसानों के खाते में राशि भेजें , उसके बाद कोई नई घोषणा करें । अन्यथा माना जाएगा की शिवराज सरकार की तरह ही मोहन यादव सरकार भी किसने के साथ केवल छल कर रही है ।

 संयुक्त किसान मोर्चा के रामस्वरूप मंत्री, बबलू जाधव,चंदन सिंह बड़वाया , शैलेंद्र पटेल, सतीश मकवाना अरशद पटेल,लाखन डाबी, सोहन यादव ने मांग  की है कि पुरानी भावांतर और बोनस की राशि का तत्काल भुगतान किया जाए । साथ ही धान और गेहूं के जिस समर्थन मूल्य की चुनाव के दौरान घोषणा की गई थी उसी के अनुसार मंडियों में खरीदी की जाए। तो ही समझ जाएगा की मध्य प्रदेश सरकार किसान हितेषी सरकार है ।