आज के समय में किसान अन्य फसलों के मुकाबले पेड़ों की बागवानी करके अच्छी कमाई कर सकते हैं. चंदन एक ऐसा पेड़ है, जो आमदनी बढ़ाने वाला है. बल्कि इसकी मांग तेजी से बढ़ रही है. इसकी कीमत भी आसमान छू रही है. आइए जानते हैं किसान कैसे इन पेड़ों से लाखों रुपये कमा सकते हैं.
सान अब गैरपरंपरागत खेती पर जोर दे रहे हैं, जिससे किसानों को ज्यादा फायदा हो रहा है. ऐसी ही एक खेती है चंदन के पेड़ की. इन पेड़ों को लगाने के बाद किसान लाखो रुपये मुनाफा कमा सकते हैं. क्योंकि चंदन एक ऐसा औषधीय पौधा है, जिसकी लकड़ी काफी महंगी बिकती है.
बाराबंकी के डीएफओ आकाश दीप ने बताया चंदन एक ऐसा पेड़ है, जिसकी खेती किसानों को कम लागत में अच्छा मुनाफा दे सकती है. इसकी लकड़ी, बीज, छाल को बाजार में अच्छी कीमतों पर बेचकर किसान तगड़ा मुनाफा कमा सकते हैं. इसका पेड़ पूर्ण रूप से उत्पादन देने के लिए 12 से 14 साल तक का समय लेता है
चंदन के पेड़ का इस्तेमाल औषधीय बनाने के साथ साबुन, अगरबती, कंठी माला, फर्नीचर, लकड़ी के खिलौने, परफ्यूम, हवन सामग्री और विदेशों में फूड में होता है. जिसकी बाजारों में काफी ज्यादा डिमांड रहती है.
चंदन की खेती के लिए इसके पौधों की रोपाई खेतों में जून जुलाई एवं अगस्त के महीने में की जाती है. क्योंकि यह समय मानसून का होता है. इसके पौधों की व्यापारिक खेती के लिए इस समय को ज्यादा उपयुक्त माना जाता है. मानसून के दौरान पौधों को विकास करने के लिए सही तापमान और मौसम मिल जाता है.
चंदन के पौधों की खेतों में रोपाई करने के लिए सबसे पहले खेत में 4 से 6 फीट की दूरी रखते हुए 2 फीट चौड़े और 1 फीट गहरे गढ्ढे बना लें. तैयार सभी गढ्ढो में जैविक खाद को मिट्टी में मिलाकर भर दें. इसके बाद इन गढ्ढो में चंदन के पौधों की रोपाई करें. फिर सिंचाई कर दें.
चंदन के पेड़ अपनी सुंदर सुगंध के लिए लोकप्रिय हैं और इसकी लकड़ी की सामग्री सदियों से उपयोग की जाती रही है. भारत में, चंदन का पेड़ चंदन या श्रीगंधा के रूप में भी लोकप्रिय है और यह सबसे महंगा पेड़ का पौधा है. यह एक सदाबहार पेड़ है और इसका उपयोग ज्यादातर कॉस्मेटिक, चिकित्सीय, वाणिज्यिक और औषधीय में किया जाता है. चंदन के पेड़ की अधिकतम ऊंचाई 13 से 16 मीटर और मोटाई 100 सेमी से 200 सेमी तक होती है. चंदन का पेड़ भारत, नेपाल, बांग्लादेश, पाकिस्तान, श्रीलंका, ऑस्ट्रेलिया, इंडोनेशिया, हवाई और प्रशांत द्वीप समूह में पाया जाता है. चंदन की कई किस्में हैं और ये विभिन्न किस्में दुनिया भर में उपलब्ध हैं. मूल रूप से, चंदन की दो प्रसिद्ध किस्में हैं जिनका बाजार में बहुत अधिक व्यावसायिक मूल्य है.चंदन के पत्तों का उपयोग पशुओं के चारे के लिए भी किया जाता है. चंदन के पेड़ 30 साल की खेती के बाद कटाई के लिए तैयार हो जाते हैं, अगर आप जैविक खेती का तरीका अपना रहे हैं तो आपको चंदन का पेड़ 10 से 15 साल में मिल सकता है. भारत में चंदन के दो रंग सफेद, पीले और लाल रंग में उपलब्ध हैं.इस चंदन की खेती का सबसे अच्छी बात यह है कि आप मालाबार नीम के बागान में चंदन के पेड़ को इंटरक्रॉपिंग के तौर पर इस्तेमाल कर सकते हैं.
चंदन के लिए उपयुक्त मौसम
चंदन का पेड़ लगभग हर प्रकार की मिट्टी, जलवायु और तापमान में उग सकता है. चंदन के पेड़ की फसल को गर्म वातावरण की आवश्यकता होती है और यह आर्द्र जलवायु परिस्थितियों में बेहतर होती है. चंदन के पेड़ की खेती के लिए भी 12° से 35°C के बीच तापमान की आवश्यकता होती है. चंदन के पेड़ की अच्छी वृद्धि के लिए यह सही तापमान है. यह 600 और 1050 मीटर की ऊंचाई पर चंदन का यह पौधा अच्छी तरह से उगता है.
चंदन के पेड़ की खेती के लिए मिट्टी की आवश्यकता
यदि आप चंदन के पेड़ की खेती की योजना बना रहे हैं तो आपको अच्छी जल निकासी वाली मिट्टी की आवश्यकता हो सकती है जिसमें जैविक खाद मौजूद हो. लाल बलुई दोमट मिट्टी भी चंदन के पेड़ के लिए उपयुक्त होती है और आपको उच्च उपज वाली फसल मिलती है. मिट्टी में चंदन के पौधे मौजूद हैं या नहीं, इसकी जांच के लिए मिट्टी की जांच जरूरी है. चंदन के पेड़ की खेती के लिए मिट्टी के पीएच को 6.5 से 7.5 के बीच में थोड़ा सा क्षारीय होना चाहिए. चंदन के पेड़ की रोपाई शुरू करने से पहले खेत की अच्छी से जुताई करें. साथ ही मिट्टी को इस तरह तैयार करें कि भारी बारिश या बाढ़ में पानी आसानी से नाले से निकल जाए.