पौधों की वृद्धि और विकास के लिए आवश्यक होता है जिंक

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विवेक रस्तोगी,

एवीपी, फील्ड मार्केटिंग, एसएमएल लि.

किसी भी फसल की पैदावार, मिट्टी में उपस्थित 17 आवश्यक पोषक तत्वों पर निर्भर करती है.  जिनमें 9 प्रमुख व 8 सूक्ष्म पोषक तत्व होते हैं. सूक्ष्म पोषक तत्व भी उतने ही आवश्यक होते हैं जितने की प्रमुख पोषक तत्व परन्तु इनकी आवश्यकता कम मात्रा में होती है. जिंक (Zn) भी एक अति महत्वपूर्ण सूक्ष्म पोषक तत्व है जो पौधों की वृद्धि और विकास के लिए आवश्यक होता है। यह कई जैविक प्रक्रियाओं में भाग लेता है और पौधों की पोषण गुणवत्ता को सुधारने में मदद करता है। मिट्टी में जिंक की उपलब्धता पौधों के स्वास्थ्य और उत्पादन पर महत्वपूर्ण प्रभाव डालती है।

जिंक कई एंजाइमों का सह-कारक होता है, जो पौधों में जैव रासायनिक प्रतिक्रियाओं को उत्प्रेरित करते हैं। यह डीएनए संश्लेषण, प्रोटीन उत्पादन, और हार्मोन संतुलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। जिंक, क्लोरोफिल (पर्णहरित) के संश्लेषण में मदद करता है, जो प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया के लिए आवश्यक होता है। इसका अभाव पौधों में पीलापन और विकास में रुकावट का कारण बन सकता है।जिंक पौधों की रोग प्रतिरोधकता को बढ़ाता है। यह पौधों को रोगाणुओं और प्रतिकूल पर्यावरणीय परिस्थितियों से बचाने में सहायता करता है।

जिंक धान की फसल में खैरा रोग की रोकथाम में सहायक होता है। जिंक की कमी से धान के पौधे कमजोर हो जाते हैं और खेरा रोग जैसी बीमारियों जल्दी लगती हैं। जिंक धान की फसल के लिए आवश्यक पोषक तत्व है जो फसल को खेरा रोग जैसी समस्याओं से बचाव  रखता है। जिंक ऑक्सिन नामक हार्मोन के उत्पादन में सहायक होता है, जो पौधों की वृद्धि और विकास को नियंत्रित करता है। यह जड़ और तने की वृद्धि के लिए महत्वपूर्ण होता है।  हमारे देश में  रासायनिक  उर्वरकों के असंतुलित उपयोग के कारण मिट्टी  क्षारीय होती जा रही है और क्षारीय मिट्टी में जिंक की उपलब्धता बहुत कम हो जाती है। अतः पौधों में जिंक का अवशोषण सल्फर के बिना संभव नहीं  है ।  मिट्टी में जिंक की पूर्ति के लिए जिंक सल्फेट  या जिंक ऑक्साइड की अनुशंसित मात्रा का प्रयोग किया जा सकता है। चूंकि जिंक सल्फेट फॉस्फेटिक उर्वरक (डीएपी, एस एस पी, एन पी के आदि ) के साथ प्रतिक्रिया कर  फास्फोरस  की उपलब्धता को कम कर देता है ,अतः जिंक ऑक्साइड ही जिंक की पूर्ति  का उपयुक्त विकल्प माना गया है।

“टेक्नो-Z” एस एम एल लिमिटेड का एक पेटेंट उत्पाद है . “टेक्नो-Z”  मे 14% जिंक ऑक्साइड व 67% सल्फर होता है।  “टेक्नो-Z” में सल्फर की उपस्थिति जिंक की उपलब्धता को सुनिश्चित करती है। “टेक्नो-Z” WDG फार्मूलेशन पर आधारित है। WDG फार्मूलेशन “टेक्नो-Z” को अत्यधिक डिस्परसिबल बनाता है।  पानी के संपर्क में आते ही यह 2-4 माइक्रोन के कणों में बदल जाता है और पौधों द्वारा आसानी से अवशोषित कर लिया जाता है।  “टेक्नो-Z” की NUE (पोषक तत्व ग्रहण क्षमता) लगभग 50% होती है जबकि जिंक सल्फेट की तुलना में  लगभग 10 गुना अधिक है. अतः “टेक्नो-Z” द्वारा पौधों को जिंक की उपलब्धता अधिक होती है। टेक्नो-Z” ओ आर टी (जब चाहिए तब ) तकनीक पर आधारित उत्पाद है जिसके कारण यह लम्बे समय तक कार्य करता है व फसल की विभिन्न महत्वपूर्ण अवस्थाओं पर जरूरत के अनुसार जिंक व सल्फर की  पूर्ति  करता रहता है।”टेक्नो-Z” अपनी आधुनिक तकनीक व गुणवत्ता के कारण किसानों के लिए वरदान बन रहा है. अधिकतर किसान जिंक की आपूर्ति के लिए “टेक्नो-Z” को प्रथम विकल्प के रूप में चुन रहे हैं।